Friday, October 27, 2006

हाल -ए -दिल |

ना गिला किया ना सिक्वा किया ...2
और ना हाल - ए -दिल बयाँ किया ...
बस नज़रों से बयाँ कर डाली सारी बात
ज़रा देखो उनकी ये बेरुखी ,
कि सबको देखा ...2
मगर हम ही को ना देखा किया

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