Wednesday, August 29, 2007

जालिम

वो आये हमारी महफिल में और

एक नज़र देखा भी नही

ना दुआ सलाम किया

नज़र तो मिला ज़ालिम

देख तो सही की तेरी बेरुखी ने ,

क्या हाल है किया ।

Monday, August 06, 2007

महक

लाख छुपाओ दिल की बातें ,
और ना लब से बोलो कुछ ,
हवा भी दिल को छूकर गुजरती है ,
महक बता देगी की दिल में कौन छुपा है ।

Wednesday, June 27, 2007

सही है।

खुदा की ये रहमत है ,
जो है वो सही है,
गलत करने पे वो जो आये तो ,
सुकून कहॉ होगा हमें,

बस एक शिक़ायत ही तो हम करतें हैं ,
ये है वो नही है,
सब करने पे वो जो आये तो,
यकीं कहॉ होगा हमें।

Sunday, May 27, 2007

कहॉ हो तुम

सवालों का ये दर्द है,
या जवाबों की कशमकश,
की वो सामने खड़े हैं,
और पूछते हैं कि कहॉ हम हैं।

हम

नाचीज़ सी हस्ती है,

नाकामिल से हैं हम,

गुनाह होगा ग़र तुम्हें हम से मिलाएँ,

अकेले ही कश्ती डुबोयेंगे,

सुकून रहेगा की तुम साथ न आये।

Wednesday, February 21, 2007

अरमां हज़ार

मुमकिन नही के मुकंमिल हो हर बात ,
नादाँ है हम ! जो सुनते रहते हैं तिफ्ल -ए -दिल के इफ़रात

Wednesday, February 14, 2007

उमर -ए -इश्क

इश्क ने "अज़ल " हमें कम उमर कर दिया ! --2
के अब मौत भी हमें रास ना आएगी